Tuesday, June 19, 2012

उत्तर प्रदेश वाराणसी जिले के बेरोजगार युवको को रोजगार और अच्छा वेतन दिलाने का झांसा देकर युवकों को बंधुआ बनाये जाने के संदर्भ में।



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From: PVCHR <pvchr@rediffmail.com>
Date: 2012/6/16
Subject: उत्तर प्रदेश वाराणसी जिले के बेरोजगार युवको को रोजगार और अच्छा वेतन दिलाने का झांसा देकर युवकों को बंधुआ बनाये जाने के संदर्भ में।
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16 जून, 2012
सेवा में,
श्रीमान् अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,
नई दिल्ली।

विषय: उत्तर प्रदेश वाराणसी जिले के बेरोजगार युवको को रोजगार और अच्छा वेतन दिलाने का झांसा देकर युवकों को बंधुआ बनाये जाने के संदर्भ में।

महोदय,
उत्तर प्रदेश वाराणसी जिले के काशीविद्यापीठ ब्लाक अन्तर्गत ग्राम-छितौनी, कोटवां, कोरउत के बेरोजगार युवकों को क्षेत्र के ही दलाल सनी एवं अनिल उपाध्याय द्वारा मैनपुरी ईटावा के नगला मुंशी गांव में मोबाइल का टावर लगाने के कार्य में मजदूरी का काम दिलाने की बात कहकर ले जाया गया। कार्यस्थल पर पहुंचने पर इन युवको से सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक लगातार कार्य लिया गया। इन्हें मैनपुरी के नागला प्राथमिक विद्यालय के एक कमरे में ताले में बन्द कर रखा गया। काम के इतने लम्बे घंटे पर इन युवकों ने विरोध किया तो ठीकेदार द्वारा ही इन्हें बताया गया कि यहां लाने के एवज में (वाराणसी काशी विद्यापीठ ब्लाकअन्तर्गत ग्राम कोरउत निवासी) सनी और अनिल उपाध्याय को 8 से 16 हजार रूपये एडवांस दिया गया है, अतः जब तक काम पूरा नहीं हो जाय, वे कहीं नहीं जा सकते। चूंकि ठेकेदारो द्वारा मजदूरो को लाने के एवज में एडवांस सनी और अनिल को दी गयी थी। अतः ठेकेदार ने उन सभी को प्राथमिक विद्यालय में बंधक बना लिया। बंधुआ मजदूरों द्वारा स्थानीय ग्रामीणों से गुहार लगाने पर ताला तोड़कर बाहर निकल कर किसी तरह भागकर वाराणसी पहुंचे। इस घटना में उनके द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराने के लिए लोहता थाने में शिकायत पत्र दिया गया, लेकिन माननीय मुख्‍यमंत्री श्री अखिलेश यादव एवं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव का कार्यक्षेत्र होने के कारण लोहता थाने द्वारा एफ.आई.आर. नहीं दर्ज किया गया। क्षेत्रीय राजनीतिक पहुंच रखने वाले व्यक्तियों द्वारा बंधुआ बनाये गये पिडित युवको पर बार-बार यह दबाव दिया जा रहा है कि इससे समाजवादी पार्टी की बदनामी होगी, अतः इस मामले पर कोई कानूनी कार्यवाही या जांच की जरूरत नहीं है।

विदित हो कि वाराणसी के बेरोजगार युवक उन बुनकर परिवारों के सदस्य जो साड़ी बुनकरी में भीषण मंदी के दौर से गुजर रहे है, ऐसे में ये रोजगार की तलाश में रहते हैं। वहीं बिचौलिए या दलाल इनकी गरीबी का फायदा उठाकर इनके नाम पर ठीकेदारो से मोटी रकम एडवांस में लेकर इन्हें बंधुआ मजदुर बनने पर मजबुर करते है।

चूंकि कोई भी व्यक्ति, समूह या राजनीतिक दल या सरकार कानून के ऊपर नहीं है। अतः इस घटना में बंधुआ मजदूरी अधिनियम 1976 के तहत निर्धारित सक्षम अधिकारियों से निष्पक्ष तरीके से जांच कराकर दोषी ठीकेदार और दलालो के विरूद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए।

आशा है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव इस घटना को कानून का उल्लंघन मानते हुए निष्पक्ष जांच कराकर दोषी व्‍यक्तियों को बंधुआ मजदूरी अधिनियम के अनुसार कानूनी कार्यवाही और पीडि.त व्‍यक्तियों को उचित मुआवजा देने का आदेश देवे।

बंधुआ मजदूरों की सूची :-
कोटवा, नई बस्ती, वाराणसी।
1. शाविर अंसारी उर्फ मंगरू, उम्र-20 वर्ष, पुत्र मुलाजिम।
2. कौसर अंसारी, उम्र-15 वर्ष पुत्र मुलाजिम।

छितौनी वाराणसी।
3. पीर मोहम्मद, उम्र-17 वर्ष, पुत्र ईदू।
4. कल्लू, उम्र-17 वर्ष, पुत्र खलिल।
5. इम्तियाज, उम्र-17 वर्ष, पुत्र-मुस्ताक।
6. सुनिल यादव पुत्र-महगी यादव।

कोरऊत, वाराणसी।
7. बबलू पुत्र रामजी गुप्ता।
8. गुड्डू यादव पुत्र गुलाब यादव।
9. कल्लू यादव पुत्र स्व0 पाचू यादव।
10. गुरूदास गुप्ता पुत्र राजेन्द्र गुप्ता।
11. करिया पुत्र दद्दू।
12. बबलू पुत्र मोहन बेनवंशी।
13. विनोद केशरी पुत्र स्व0 नन्दू प्रसाद।
14. त्रिलोकि गुप्ता पुत्र टेढ़ू गुप्ता।


भवदीया


(श्रुति)
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