Tuesday, July 17, 2012

बेसिक शिक्षा मंत्री का बाल अधिकार के विरुध्द बयान के सन्दर्भ मे



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From: PVCHR <pvchr@rediffmail.com>
Date: 2012/7/17
Subject: बेसिक शिक्षा मंत्री का बाल अधिकार के विरुध्द बयान के सन्दर्भ मे
To: cmup <cmup@up.nic.in>


17 जुलाई 2012

सेवा मे,

        माननीय मुख्यमंत्री महोदय,

        उत्तर प्रदेश    

विषय –माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश श्री रामगोविन्द जी द्वारा विद्यालय मे बच्चो की पिटाई किये जाने के पक्ष  मे वक्तव्य दिये जाने के सन्दर्भ मे ।

महोदय,

        बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश माननीय श्री रामगोविन्द जी द्वारा लखनऊ मे आयोजित एक कार्यक्रम मे अपने भाषण मे विद्यालयो मे पठन पाठन मे बच्चो की पिटाई न किये जाने की निति की आलोचना की गयी 

उत्तर प्रदेश के माननीय शिक्षा मंत्री महोदय का यह वक्तव्य अत्यंत ही आपत्तिजनक, मानवता विरोधी एव बाल अधिकार विरोधी है । इस वक्तव्य से स्पष्ट है कि RTE  कानून मे उनकी आस्था और विश्वास नही है, जबकि शिक्षा अधिकार अधिनियम शिक्षाविदो, विधि विशेषज्ञो और बाल मनोविज्ञान के अध्ययनो को ध्यान मे रखते हुये  बच्चो के चौमुखी विकास एव बाल अधिकार  संरक्षण  के उद्देश्य से सघन विचार विमर्श के बाद बनायी गयी है ।

इस प्रकरण से स्पष्ट है कि माननीय शिक्षा मंत्री महोदय बाल मनोविज्ञान एव बालहितो के प्रति अनभिज्ञ है । यही  कारण है कि वे पुरानी पद्द्ति को आज भी उपयोगी मान रहे है । जबकि न केवल भारत बल्कि विश्व स्तर पर बच्चो की शिक्षा पद्द्ति पर किये गये अध्ययनो मे यह निष्कर्ष आया कि दण्ड और यातना से बच्चो के मन मष्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड्ता है ।

        इस प्रकरण को आप महोदय के संज्ञान मे लाते हुए यह सुझाव देना चाहती हू कि देश के सभी शिक्षा मंत्रियो के लिये सरकार द्वारा  "बच्चो के लिये दण्ड उचित या अनुचित विषयक संगोष्ठी" आयोजित किया जाये जिसमे बच्चो पर दंड का प्रभाव एव परिणाम और बाल हितैषी गुणवत्तपुर्ण शिक्षा पद्दति स्पस्ट राय बनाई जा सके ।                      

 

 

 

भवदीया                                                 

श्रुति नागवंशी          मैनेजिंग ट्रस्टी

मानवाधिकार जननिगरानी समिति






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