Saturday, September 15, 2012

ग्राम बाबूपुरा, जिला सहारनपुर, थाना ननोता मे दिनांक 1/9/2012 को दलित महिला से हुये गैंग रेप मे नामजद अभियुक्त होने के बाद भी पुलिस द्वारा न तो कोई कार्यवाही की गये और न ही कोई गिरफ्तारी की गई, साथ ही पीडित को जान से मारने की धमकी के सम्बन्ध मे।

सेवा मे,                                                     दिनांक : 15/9/2012  

अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग,
नई दिल्ली।

विषय : ग्राम बाबूपुरा, जिला सहारनपुर, थाना ननोता मे दिनांक 1/9/2012 को दलित महिला से हुये गैंग रेप मे नामजद अभियुक्त होने के बाद भी पुलिस द्वारा न तो कोई कार्यवाही की गये और न ही कोई गिरफ्तारी की गई, साथ ही पीडित को जान से मारने की धमकी के सम्बन्ध मे।  

महोदय,

आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हू कि ग्राम- बाबूपुरा, थाना- ननोता, जिला- सहारनपुर मे  दिनांक 1/9/2012 को शाम 6.30 बजे दर्शना देवी पत्नी अनिल अपने घर से शौच के लिये खेत की ओर निकली तो वहा खेत मे पहले से ही घात लगाकर बैठे मुरसलिन पुत्र यासीन, जहांगीर पुत्र अख्तर, कर्मा पुत्र रूढा, विजेश पुत्र नेमचन्द और जस्बीर पुत्र राजेन्द्र जो की इसी गाँव के निवासी है। उन पांचो ने मिलकर जाति सूचक गाली देते हुये उसके साथ बारी-बारी से बलात्कार किया। साथ ही उसे काफी मारा-पीटा और धारदार हथियार से उसे लहूलुहान भी कर दिया। शोर मचाने पर गाँव के कुछ लोगो ने महिला को जिला अस्पताल पहुचाया जहा उसका इलाज हुआ। इसके साथ ही एफ.आई.आर भी उन लोगो के खिलाफ नामजद करायी गयी। परन्तु आज तक न तो कोई गिरफ्तारी हुयी न ही केस मे कोई कार्यवाही पुलिस के द्वारा की गयी। जिससे उन अभियुक्तो द्वारा लगातार पीडिता और उसके घर वालो को जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

इसके साथ ही जब महिला को जिला अस्पताल से छोडा गया तो उसके परिवार वालो के माँगने के बावजूद जिला अस्पताल के डाक्टर द्वारा नही दिया गया।
अतः आपसे निवेदन है कि आप इस मामले को संज्ञान मे लेते हुये इस मामले मे त्वरित कारवाही करने का निर्देश दे ताकि एक दलित पीडित महिला के जान माल की सुरक्षा हो सके साथ ही पीडित महिला को उचित मुआवजा भी दिलाने की कृपा करे।

संलग्नक:
1.       एफ.आई.आर की कापी
2.       जिला अस्पताल मे भर्ती का स्लिप
3.       अखबार की कतरन

भवदीय
अनूप कुमार श्रीवास्तव
सीनियर मैनेजर
मानवाधिकार जननिगरानी समिती
सा 4/2ए दौलतपुर, वाराणसी 
9935599335        

Sunday, September 9, 2012

राज्य - उडीसा, जिला - केन्द्रपडा, थाना - राजनगर मे अनुसूचित जाति के 15 वर्षीय नाबालिक लडके को पुलिस द्वारा पुलिस हिरासत मे सार्वजनिक रूप से पिटाई करना, लडके की हालात गम्भीर होने के सन्दर्भ मे !


राज्य - उडीसा, जिला - केन्द्रपडा, थाना - राजनगर मे अनुसूचित जाति के 15 वर्षीय नाबालिक लडके को पुलिस द्वारा पुलिस हिरासत मे सार्वजनिक रूप से पिटाई करना, लडके की हालात गम्भीर होने के सन्दर्भ मे !




                                                                                                                    दिनांक : - 10 सितम्बर, 2012
सेवा मे,
     श्रीमान अध्यक्ष,                                
     राष्ट्रीय मानव अधिकार अयोग,               
     नई दिल्ली - भारत !                              
 
विषय - अनुसूचित जाति के 15 वर्षीय नाबालिक लडके को पुलिस द्वारा पुलिस हिरासत मे सार्वजनिक रूप से पिटाई करना, लडके की हालात गम्भीर होने के सन्दर्भ मे !

महोदय / महोदया,

हम आपका ध्यान विषयक के सम्बन्ध मे आकृष्ट कराना चन्हुंगा, जिन्हे राज्य - उडीसा, जिला - केन्द्रपडा, थाना - राजनगर के पुलिस कर्मी ने लाढी से मार - मार कर बेहाल लर दिया, जिसे स्थानीय अस्पताल मे भर्ती कराया गया है ! 
 
विदित हो की आपसी झगडा होने के बाद विपक्षी द्वारा थाना मे रिपोर्ट किया गया, जिस पर पीडित के पिता को पुलिस उठा कर ले गयी, वहा सभी गांव वालो के सामने समझौता हो गया, लेकिन एस. आई. ने नाबालिक लडके को भी थाने मे हाज़िर करने के लिए दबाब बनाये और पुलिसकर्मियो को भेजे ! पुलिस कर्मी पीडित को थाना उठा ले आये !

वह अभी अपनी आपबीति बता ही रहा था की एस. आई. वही रखी लाठी से बच्चे पर लाठी का बरसात कर दिया, जिससे वह वही निढाल हो गया ! वहा पर उसके पिता और गांव के कई लोंग उपस्थित थे ! 
 
समझौता होने वाली स्थिति मे पुलिस द्वारा यह कहर ढाया गया, जो पुलिस की क्रूरता को दर्शाती है ! 
 
महोदय, किसी भी नाबालिक को थाना मे हाज़िर करना या करवाना गैर कानूनी कृत्य के साथ ही किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन भी है, यहा तो बच्चे के साथ सार्वजनिक रूप से पिटाई कर बेसुध कर दिया गया !


अत: आपसे अनुरोध है की मामले मे त्वरित हस्तक्षेप कर न्याययोचित कानूनी कार्यवाही करते हुए पीडित व परिजनो एवम गवाहो को सुरक्षा के साथ मामले मे उचित मुआवजा प्रदान कराने की कृपा करे !
 
 संलग्नक : - 
1. Fact Finding report 
2. FIR Copy
3. Age Certificate 


भवदीय,
 
(डा0 लेनिन)
महासचिव,
मानवाधिकार जन निगरानी समिति,
सा 4/2ए., दौलतपुर, वाराणसी,
उ0प्र0 - 221002, भारत !
 
मो0 - +91-9935599333.
ई मेल - lenin@pvchr.asia,

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Wednesday, September 5, 2012

In reference of at least 30 people were killed and more than 50 injured on Wednesday when an explosion tore through a fireworks factory in Sivakasi in Tamil Nadu

To,                                                                                                                         Date 5/9/2012

The Chairperson

National Human Rights Commission,

New Delhi.

 

Sub : In reference of at least 30 people were killed and more than 50 injured on Wednesday when an explosion tore through a fireworks factory in Sivakasi in Tamil Nadu.

 

Sir,

 

I want to drag your attention on the news of Chennai on Sep 5 (IANS) that at least 30 people were killed and more than 50 injured Wednesday when an explosion tore through a fireworks factory in Sivakasi in Tamil Nadu. It is reported that the accident happened around 12.30 p.m. in one of the biggest factories in the area. In this accident  nearly 40 of the 48 sheds in the sprawling warehouse had been destroyed in the blaze. Also nearly 50 injured people had been taken to hospitals in Sivakasi and Virudhunagar. A medical team was treating those who suffered minor burn injuries. Thirteen fire tenders battled the flames while more than 25 ambulances ferried the injured to hospitals. Thick smoke and continuing blasts in the factory area hindered rescue efforts. The fire from one of the sheds quickly spread to the rest of the factory, thanks to a huge stock of raw materials/firecrackers being readied for the upcoming festival season.

According to reports, only 53 workers are known to have come out of the factory after the fire. Villagers were seen carrying away the injured in their arms or in cloth sheets in the absence of stretchers. Police said the exact numbers inside the factory was not known. Normally, there are 300 workers in a firecracker factory. Crackers are produced in small rooms with space for not more than four people. The rooms have four doors so that workers can rush out in case of any emergency. Cracker units allegedly employ inexperienced workers during the Diwali season in order to meet the demand, which in turn results in such accidents.

Sivakasi is one of the oldest and biggest firecracker manufacturing hubs in India. Nearly 90 percent of the country's fireworks are made in Sivakasi along with 80 percent of the safety matches.

                So please kindly take this on your notice and immediately give compensation to the injured person and death person's family. And also order to inquiry of that accident and do needful action.   

Please see the below link for NEWS details.

http://in.news.yahoo.com/30-dead-flames-engulf-firecracker-factory-100345011.html

 

Yours

Anup Kumar Srivastava

Senior manager

Peoples Vigilance Committee on human rights

SA 4/2 A Daulatpur , Varanasi

9935599335




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