Friday, December 12, 2014

भोपाल में प्रशासन की लापरवाही से एक ही संप्रदाय के दो गुटों में हिंसा व 60 घर फूंके जाने की जाँच किये जाने व घायलों को मुआवजा दिए जाने के सम्बन्ध में

सेवा में,                                       12 दिसम्बर, 2014

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

विषय : भोपाल में प्रशासन की लापरवाही से एक ही संप्रदाय के दो गुटों में हिंसा 60 घर फूंके जाने की जाँच किये जाने व घायलों को मुआवजा दिए जाने के सम्बन्ध में |

 

महोदय,

      आपका ध्यान "नवभारत टाईम्स" में छपी "भोपाल में एक ही सम्प्रदाय के दो गुटों में हिंसा, 60 घर फूंके" इस खबर की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ | भोपाल शहर एक ही संप्रदाय के दो गुटों की आग में झुलस गया है। इस हिंसा में 60 घर जला दिए गए। बेकाबू भीड़ ने गुरुवार को इन घरों को आग के हवाले कर दिया। करोंद की अमन कॉलोनी का नजारा किसी लड़ाई के मैदान जैसा हो गया था | जले हुए घरों से निकलता धुआं, चीखती-रोती महिलाएं और हॉस्पिटल ले जाए जाते जिंदगी से जूझते घायल लोग। इस हिंसा में कम से कम 75 लोग भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं |

झगड़े की निश्चित वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है। ऑफिशल्स ने बताया कि इसका तात्कालिक कारण बुधवार रात को हुई एक छोटी सी घटना थी | कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने एक महिला को गैरकानूनी गतिविधि को रोका तो उन्हें परेशान किया गया। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कुछ लोग रोड ब्लॉक करके ट्रैफिक रोक रहे थे, इस वजह से यह हुआ |

इस घटना से पूर्व हे प्रशासन को अंदेशा था की कोई अप्रिय घटना घट सकती थी लेकिन बावजूद इसके भी प्रशासन ने कोइ भी ठोस कदम नहीं उठाये जिसके कारण इतनी बड़ी घटना आगजनी व लूट पाट हुयी |

कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुए घायलों को उचित मुआवजा दिया जाय | इस पूरी घटना की किसी निष्पक्ष एजेंसी से जाँच कराई जाय | साथ ही भारत सरकार पुलिस सुधार को लागू करते हुए यातना विरोधी क़ानून को अविलम्ब पारित करवाया जाय |

 

 

संलग्नक :

1.  नवभारत टाईम्स में छपी खबर का लिंक

http://navbharattimes.indiatimes.com/state/madhya-pradesh/bhopal/indore/communal-riot-singes-bhopal-75-critically-hurt/articleshow/45494545.cms

 

2.   नवभारत टाईम्स में छपी खबर

3. भोपाल में एक ही संप्रदाय के दो गुटों में हिंसा, 60 घर फूंके

4.   टाइम्स न्यूज नेटवर्क| Dec 12, 2014, 11.33PM IST

11. भोपाल में सांप्रदायिक दंगे

12. भोपाल में सांप्रदायिक दंगे

13. http://navbharattimes.indiatimes.com/photo/39304802.cmsफोटो शेयर करें

14. भोपाल
भोपाल शहर एक ही संप्रदाय के दो गुटों की आग में झुलस गया है। इस हिंसा में 60 घर जला दिए गए। बेकाबू भीड़ ने गुरुवार को इन घरों को आग के हवाले कर दिया। करोंद की अमन कॉलोनी का नजारा किसी लड़ाई के मैदान जैसा हो गया था। जले हुए घरों से निकलता धुआं, चीखती-रोती महिलाएं और हॉस्पिटल ले जाए जाते जिंदगी से जूझते घायल लोग। इस हिंसा में कम से कम 75 लोग भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

कॉलोनी पुलिस और रैपिड ऐक्शन फोर्स के जवानों से घिरी हुई थी।। वहां निषेधाज्ञा भी लागू कर दी गई। 12 फायर ब्रिगेड और 12 एबुलेंस भी बुलाए गए। पीड़ितों ने बताया कि हमलावरों ने घरों को आग के हवाले कर दिया। तेज धार वाले हथियारों, पत्थरों और पेट्रोल बमों से हमला किया। यह सब लगभग दो घंटों तक चलता रहा और पुलिस का कहीं अता-पता भी नहीं था। पीड़ितों के मुताबिक, इलाके में पिछली रात से ही तनाव फैल गया था। इसके बावजूद वहां चुनिंदा पुलिस वाले ही भेजे गए।

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से ज्यादा दुपहिए वाहन और ढेरों घरेलू सामान जला दिए गए। पीड़ितों का दावा है कि हमले का प्लान पिछले 15 दिनों से बनाया जा रहा था। पीड़ितों का कहना है कि यह सब एक स्थानीय नेता के इशारे पर किया गया। इस समय यहां पर रैपिड ऐक्शन फोर्स के जवान मोर्चा संभाले हुए हैं।

15.
झगड़े की निश्चित वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है। ऑफिशल्स ने बताया कि इसका तात्कालिक कारण बुधवार रात को हुई एक छोटी सी घटना थी। कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने एक महिला को गैरकानूनी गतिविधि को रोका तो उन्हें परेशान किया गया। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कुछ लोग रोड ब्लॉक करके ट्रैफिक रोक रहे थे, इस वजह से यह हुआ।

पीड़ितों का कहना है कि पुलिस ने कार्रवाई करने में देरी की। 40 साल की फरीदा ने बताया कि अचानक भीड़ उनके घर में घुसी और सब कुछ तबाह कर डाला। बानो(26 साल) ने बताया, पूरी रात हम लोग डरे हुए थे। फिर जैसे ही हम सोए, हजारों लोग हमारे घरों में घुस आए, उन्होंने हमारे घर और गाड़ियों में आग लगा दी। उस समय कोई पुलिस वाला हमारी मदद करने नहीं आया।

साबिर हुसैन (20साल) ने कहा, हमलावरों ने अनाउंस किया कि वे हमारे हाथ काट लेंगे। फिजा अली के मुताबिक, "हमलावरों ने मेरी गर्दन पर तलवार रख दी और कहा कि अगर मैं घर से बाहर नहीं जाती हूं तो वे मेरा रेप करेंगे। उन्होंने मेरे पति को बुरी तरह से पीटा।"

भोपाल रेंज के डेप्युटी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस डी श्रीनिवास वर्मा ने मामले को संभाला। पुलिस ने बताया कि अमन कॉलोनी में अल्पसंख्यक संमुदाय के 70 परिवार एक साल पहले आए थे। कॉलोनी में दूसरे समुदाय के लोगों का प्रभाव था और उन्हें नए लोगों का आना रास नहीं आया।

 

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर वाराणसी

+91-9935599333

Email:  minority.pvchr@gmail.com

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