Thursday, April 9, 2015

अति महत्वपूर्ण

अति महत्वपूर्ण

सेवा में,                                                9 अप्रैल, 2015

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

महोदय,

      आपका ध्यान 8 अप्रैल, 2015 के ऑनलाइन न्यूज पोर्टल "नवभारत टाईम्स" के इस खबर "हथकड़ी बंधे लोगो को गोली मारना मुठभेड़ है ?" की ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ |

      कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए किसी स्वतंत्र जाँच एजेंसी से इस अमानवीय घटना की जाँच कराई जाय और दोषियो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाय | साथ ही मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाने की कृपा करे | साथ ही भारत सरकार पुलिस सुधार को लागू करते हुए यातना विरोधी क़ानून को अविलम्ब पारित करवाया जाय |

 

संलग्नक :

1.       नवभारत टाईम्स में छपी खबर व लिंक |

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिति,

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी   

+91-9935599333

 

 

Navbharat Times

हैदराबाद

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हथकड़ी बंधे लोगों को गोली मारना मुठभेड़ है?

नवभारतटाइम्स.कॉम| Apr 8, 2015, 04.14PM IST

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तेलंगाना एनकाउंटर में पुलिस की कहानी में छेद

तेलंगाना एनकाउंटर में पुलिस की कहानी में छेद

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तेलंगाना
यह शख्स हथकड़ियों में जकड़ा है, अपनी सीट पर बेहोश सा पड़ा है, उसके पूरे शरीर पर खून के छींटे हैं। शख्स की यह हालत तेलंगाना पुलिस के साथ हुए एनकाउंटर में हुई। इसी एनकाउंटर में पांच संदिग्ध आंतकी मारे भी गए हैं। जिंदा बचे इस शख्स की तस्वीर मीडिया में आने पर तेलंगाना पुलिस की ज्यादती पर सवाल उठ रहे हैं।


पांच संदिग्ध आतंकी तेलंगाना के नालगोंडा जिले में मारे गए थे। इन्हें 17 मेंबर्स वाली सिक्यॉरिटी टीम ने मारा। वे इन्हें एक पुलिस वैन में वारांगल जेल से हैदराबाद कोर्ट ले जा रहे थे। वारांगल से हैदराबाद कोर्ट 150 किमी. दूर है।


पुलिस का कहना है कि उनमें से एक संदिग्ध आतंकी विकारुद्दीन अहमद ने उनसे हथकड़ी खोलने के लिए कहा क्योंकि उसे टॉइलट जाना था। वापस लौटने पर उसने उनसे हथियार छीनने की कोशिश की। सिक्यॉरिटी टीम का कहना है बाकियों ने भी उनसे हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। इसके बाद सिक्यॉरिटी टीम ने उन पर गोलियां चला दीं जिसमें पांच संदिग्ध आतंकी मारे गए।


विकारुद्दीन अहमद पर आरोप है कि उसने एक स्थानीय आतंकी संगठन तहरीक-गलाबे-इस्लाम बनाया था। बाकी चार पर उसकी मदद करने का आरोप था। वहीं विकारुद्दीन के पिता मोहम्मद का कहना है कि उन्हें सौ फीसदी यकीन है कि यह एक फर्जी मुठभेड़ थी। उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। सिविल राइट्स ऐक्टिविस्ट्स ने सवाल उठाया है कि 17 सुरक्षाकर्मी इन आरोपियों को बिना मारे क्यों वापस नहीं ला सके। अहम सवाल यह भी है कि इस मुठभेड़ में कोई पुलिसकर्मी घायल तक नहीं हुआ है।


तेलंगाना पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि यह मुठभेड़ पिछले हफ्ते पुलिस वालों की हत्या से जुड़ा है। पिछले हफ्ते सिमी के संदिग्ध आतंकियों ने तीन पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। जिनमें से दो संदिग्ध हमलावर शनिवार रात पुलिस के हाथों मारे गए, वहीं इस लड़ाई में एक पुलिसकर्मी भी मारा गया। इसके अलावा एक घायल पुलिस ऑफिसर की मौत मंगलवार को हो गई, जिस दिन वह पिता भी बने थे।


स्टेट पुलिस चीफ अनुराग शर्मा ने साफ किया कि कल मारे गए पांचों संदिग्धों में से कोई भी सिमी या इंडियन मुजाहिद्दीन का नहीं था। शर्मा का कहना है कि जब उन्होंने पुलिस पर हमला किया तो उनके हाथ आंशिक तौर पर हथकड़ियों से बंधे थे।

   

http://navbharattimes.indiatimes.com/state/other-states/hyderabad/suspected-terrorists-shot-dead-by-telanga-police-civil-rights-activists-criticise/articleshow/46850090.cms

Monday, April 6, 2015

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हिरासत में युवक की मौत के सम्बन्ध में

सेवा में,                                            6 अप्रैल, 2015

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

विषय : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हिरासत में युवक की मौत के सम्बन्ध में |

महोदय,

      आपका ध्यान दैनिक समाचार पत्र "राष्ट्रीय सहारा" के इस खबर "हिरासत में युवक की मौत" की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ | कोतवाली पुलिस चेन स्नेचिंग के एक मामले में पूछताछ के लिए एक युवक को गिरफ्तार कर के लाई थी | लेकिन ऐसा पुलिस ने उस युवक के साथ क्या किया कि उस युवक की हिरासत में मौत हो गयी |

      कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इसमें शामिल दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करते हुए मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाने की कृपा करे | साथ ही भारत सरकार पुलिस सुधार को लागू करते हुए यातना विरोधी क़ानून को अविलम्ब पारित करवाया जाय |

 

संलग्नक :

1.   दैनिक समाचार पत्र सहारा समय की प्रति |

 

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

महासचिव

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333