Saturday, July 2, 2016

उत्तर प्रदेश के जिला जौनपुर के एस मार्का ईंट भट्टा के मालिको द्वारा मुसहर मजदूरों को पैसा माँगने पर बुरी तरीके से मारने पीटने, जाति सूचक गाली देने और जान से मारने की धमकी देने और मजदूरी के बकाया पैसा न देने के सन्दर्भ में |

सेवा में,                                   2 जुलाई, 2016

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

विषय : उत्तर प्रदेश के जिला जौनपुर के एस मार्का ईंट भट्टा के मालिको द्वारा मुसहर मजदूरों को पैसा माँगने पर बुरी तरीके से मारने पीटने, जाति सूचक गाली देने और जान से मारने की धमकी देने और मजदूरी के बकाया पैसा न देने के सन्दर्भ में |

महोदय,

      आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि पीड़ित राजेन्द्र, धर्मेन्द्र कुमार, शिव कुमार, पुत्र हरिगेन बनवासी, व जीत लाल पुत्र स्व0 लालचंद बनवासी और पप्पू पुत्र स्व0 हरेन ग्राम-बनेवरा, थाना-नेवाढीया, जिला-जौनपुर के निवासी है | ये सभी 16 फरवरी, 2016 को एस मार्का ईंट भट्टा ग्राम-बनेवरा, थाना-नेवाढीया, जिला-जौनपुर में भट्टे पर कोयला तोड़ने व कोयले को भट्टे के चेम्बर में लोड करने व राबिस काटने और राबिस चढाने के काम के लिए गए थे | इसके साथ ही भट्टा मालिक प्रेम प्रकाश उर्फ़ मुन्ना सिंह उपरोक्त मजदूरों को 15500/ नगद अग्रिम धनराशि दो किश्तों में दिनांक 18 फरवरी, 2016 व 20 फरवरी, 2016 को दिया था | इसके साथ ही उपरोक्त सभी 5 मजदूरों को मजदूरी 43000/- रुपये प्रतिमाह देना तय किया गया था इसके साथ ही प्रति सप्ताह 2000/ रुपये खोराकी देना तय हुआ था और खोराकी का रुपया मजदूरी में से कटाने का तय हुआ था |

      इसके बाद उपरोक्त मजदूर वहाँ पर काम करने लगे परन्तु जब 27 जून, 2016 को अपनी मजदूरी का हिसाब करने भट्टा पर गए तो भट्टा मालिक प्रेम प्रकाश उर्फ़ मुन्ना सिंह ने उन सभी मजदूरों को जाति सूचक गली देते हुए बहुत बुरी तरह से मारा–पीटा और गाली देकर जान से मरने की धमकी देकर वहाँ से भगा दिया और कहा कि यदि दुबारा पैसा मांगने आये तो जान से मार देंगे तुम लोगो का सब हिसाब किताब हो चुका है |

      जबकि विदित हो कि 16 फरवरी, 2016 से 27 जून 2016 तक रात दिन भट्टा पर काम करने के बाद उन पांचो मजदूरों की कुल मजदूरी 150500/- रुपये बंटी है और खुराकी का 29100/- जिसमे से अभी 44600/- रुपया अभी बकाया है जिसे भट्टा मालिक नहीं दे रहा है | विदित हो कि भट्टा मालिक के डर से मजदूर अभी अपना घर छोड़कर अन्यत्र रहने को मजबूर है |

      अतः आपसे निवेदन है कि कृपया इसे संज्ञान में लेते हुए इस पर न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करे | साथ ही मजदूरों का बकाया पैसा दिलाते हुए SC/ST एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत करने का निर्देश देते हुए न्यायोचित कार्यवाही करने की कृपा करे |      

 

 

संलग्नक :

  1. मजदूरों का हलफनामा |

  2. मालिक द्वारा दिए गए हिसाब की बुक की छाया प्रति |         

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

सीईओ

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी |

+91-9935599333                

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Friday, July 1, 2016

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में 9 वर्षीय नाबालिक लड़की का उसके ही पिता द्वारा कई वर्षो से बलात्कार किया जा रहा था उस नाबालिक पीडिता को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मुआवजा दिलाने के सन्दर्भ में |


सेवा में,                                                                                                               2 जुलाई, 2016

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |

विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में 9 वर्षीय नाबालिक लड़की का उसके ही पिता द्वारा कई वर्षो से बलात्कार किया जा रहा था उस नाबालिक पीडिता को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मुआवजा दिलाने के सन्दर्भ में | 

महोदय,
      आपको ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि पूजा पाण्डेय पत्नी अरुण पाण्डेय उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले ग्राम-प्रतापपुर, थाना-मिर्जामुराद, की रहने वाली है | दिनांक 5 फरवरी, 2016 को सुबह 8 बजे उसके लड़के देव ने उसे बताया कि उसके पापा अरुण पाण्डेय उसकी दीदी रागिनी (परिवर्तित नाम) जो करीब 9 वर्ष की है उसके साथ गलत काम कर रहे थे | जब पूजा ने इस बात को अपनी सास गीता पाण्डेय को बताया तो उसकी सास ने बच्ची रागिनी (परिवर्तित नाम) से पूछा तब उसने बताया कि उसके पापा यह गन्दा काम काफी समय से कर रहे है और यह धमकी दिए है कि यदि ये बात किसी को बताओगी तो उसे व उसके पूरे परिवार को जान से मार देंगे |

      इसके बाद उसकी पत्नी पूजा पाण्डेय ने अपने पति अरुण पाण्डेय के खिलाफ मिर्ज़ामुराद थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया (संलग्नक-1) | जिसके बाद पुलिस ने तुरन्त कार्यवाही करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार किया और उसकी माँ और उस बच्ची का मजिस्ट्रेट के सामने CrPc की धारा 164 का कलमबद्ध बयान दर्ज हो चुका है |    

      अतः आपसे निवेदन है कि कृपया माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के CRIMINAL APPEAL NO. 884 OF 2015 केस टेकन उर्फ़ टेकराम बनाम मध्य प्रदेश सरकार में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों की सूची जारी की है जिसमे बलात्कार के लिए पीडिता व उसके परिजनों को मुआवजे की राशि दी गयी है उस सूची के अनुसार उत्तर प्रदेश शासन द्वारा रूपये 200000/- (रुपये दो लाख) देने का प्राविधान है (संलग्नक-2) | अतः आप राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को यह मुआवजा राशि पीडिता को दिलाने हेतु निर्देशित करने की कृपा करे |

 

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

सीईओ

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

+91-9935599333

 

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में नाबालिक लड़की को रिश्तेदारों द्वारा बेचे जाने और बरामदगी के बाद गर्भवती होने पर भी किसी प्रकार का राहत व स्वास्थ्य सुविधाए न मिलने से जान का खतरा होने व माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मुआवजा दिलाये जाने के सन्दर्भ में |


सेवा में,                                                                                2 जुलाई, 2016

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,

नई दिल्ली |

विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में नाबालिक लड़की को रिश्तेदारों द्वारा बेचे जाने और बरामदगी के बाद गर्भवती होने पर भी किसी प्रकार का राहत व स्वास्थ्य सुविधाए न मिलने से जान का खतरा होने व माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मुआवजा दिलाये जाने के सन्दर्भ में |  

महोदय,

      आपको ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के शिवदासपुर क्षेत्र, थाना-मंडुआडीह की रहने वाली रीता देवी पत्नी स्व0 बसन्त लाल बैंगलोर में नौकरी करती थी | दिनांक 1 फरवरी, 2016 को अपने बहन की लड़की श्रीमती दीपा पत्नी रमेश भारतीय, निवासी लहरतारा, मंडुआडीह, वाराणसी जिसकी तबियत बहुत ख़राब थी उसे देखने हेतु अपनी 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री कुमारी रूबी (परिवर्तित नाम) (संलग्नक-1) के साथ दीपा के घर आयी थी | चुकी दीपा की तबियत बहुत ख़राब थी इसलिए उसके कहने पर रीता देवी ने घर का काम करने व उसकी सेवा करने के लिए अपनी पुत्री रूबी (परिवर्तित नाम) को वहाँ छोड़कर अपने बेटे को लेने के लिए बैंगलोर चली गयी | जब वहाँ से वापस लौटकर वाराणसी आयी तो उसे पता चला कि उसका बहनोई संतोष कुमार पुत्र राधेश्याम निवासी रानीपुर, भेलूपुर, वाराणसी तथा दामाद रमेश भारतीय पुत्र प्यारे लाल निवासी लहरतारा, वाराणसी ने मिलकर उसकी नाबालिग पुत्री रूबी (परिवर्तित नाम) का अपहरण करके उसे अपने साथ राजस्थान ले जाकर मदन महण पुत्र स्व0 सरदार, निवासी बुगाला, तहसील-नवलगढ़, जिला-झुंझुनूं, राजस्थान को बेच दिया तथा फर्जी तरीके से एक शादी का करारनामा दिनांकित 12 फरवरी, 2016 का दिखाने लगे (संलग्नक-2) जिसमे पीडिता की पुत्री रूबी (परिवर्तित नाम) के पिता का नाम राजेश बीन दर्शाया गया है जबकि ज्योति के पिता का नाम बसन्त लाल है | जब पीडिता ने मदन महण से संपर्क किया तो वो उसकी बेटी को लौटाने के लिया रुपये 170000/- फिरौती के रूप में मान करने लगा | साथ ही यह भी धमकी देने लगा कि यदि इसकी शिकायत कही भी करोगी तो तुम्हारी बेटी और तुमको जान से मार देंगे |

      जिसके बाद पीडिता भेलूपुर थाने से लेकर वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कई बार शिकायत कर चुकी परन्तु डी आई जी वाराणसी मण्डल के हस्तक्षेप से 15 अप्रैल, 2016 को थाना भेलूपुर में मुकदमा दर्ज किया गया (संलग्नक-3) |

      पुलिस द्वारा कार्यवाही में अभी भी लापरवाही की जा रही है और अभी भी 2 आरोपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जा सके |

      आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि बच्ची की बरामदगी करके उसे न्यायालय बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसमे यह चौकाने वाल तथ्य आया कि बच्चे डेढ़ माह की गर्भवती है (संलग्नक-4) | अभी वर्तमान में वह बच्ची अपनी माँ के साथ शिवदासपुर, वाराणसी में रह रही है | आप से अनुरोध है कि पीडिता की माली हालत अत्यन्त दयनीय है और वह थी ढंग से अपनी पुत्री का इलाज और खान-पान वहाँ नहीं कर पा रही है | अभी वह पूरा परिवार भुखमरी के कगार पर है |

      अतः आपसे निवेदन है कि कृपया उस नाबालिग बच्ची के इलाज और उसके खान-पान हेतु जिला प्रशासन को निर्देशित किया जाय जिससे उस नाबालिग बच्ची और उसके परिवार की जान बच सके | इसके साथ ही आपसे यह भी अनुरोध है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के CRIMINAL APPEAL NO. 884 OF 2015 केस टेकन उर्फ़ टेकराम बनाम मध्य प्रदेश सरकार में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों की सूची जारी की है जिसमे बलात्कार के लिए पीडिता व उसके परिजनों को मुआवजे की राशि दी गयी है उस सूची के अनुसार उत्तर प्रदेश शासन द्वारा रूपये 200000/- (रुपये दो लाख) देने का प्राविधान है (संलग्नक-5) | अतः आप राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को यह मुआवजा राशि पीडिता को दिलाने हेतु निर्देशित करने की कृपा करे |

 

भवदीय

डा0 लेनिन रघुवंशी

सीईओ

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

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